July 25, 2024

कृत्रिम बुद्धिमता के बढ़ते इस्तेमाल पर अमेरिकी यूनिवर्सिटी में शोध

अमेरिका की प्रिंसटन विश्वविद्यालय में हुए अध्ययन में शोधकर्ताओं की एक टीम ने एआई का • इस्तेमाल करने वाले 10 ऐप की लैंग्वेज मॉडलिंग के बाद उनमें 50 से ज्यादा मानवीय क्षमताओं को जोड़ा। इसके बाद निष्कर्ष निकाले कि ये तकनीक इंसानों के लिए कितना बड़ा संकट पैदा कर सकती है। शोधकर्ताओं की टीम ने विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विज्ञानए के प्रोफेसर डवर्ड फेल्टेन द्वारा 2021 में बनाए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ऑक्यूपेशनल एक्सपोजर मापने का प्रयोग किया। फिर इसमें इंसानों की दर्जनों क्षमताओं को जोड़ा गया। शोधकर्ताओं के मुताबिक, ये इंसानी क्षमताएं आठ सौ से ज्यादा नौकरी पेशे में काम आती हैं।

वाशिंगटन, एजेंसी। तकनीक के क्षेत्र में हर दिन कुछ नया विकास होता रहता है है। हाल ही में तकनीक के क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) के दौर नजर आ रहा है। एआई जहां हमारे लिए आर्थिक लिहाज से बहुत अच्छा है वहीं, इससे बड़ी तादाद में लोगों की नौकरियां छिनने का खतरा भी है। अमेरिका में हुए अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है। इसमें बताया गया है कि अध्यापक सहित 10 सेक्टरों में काम करने वाले लोगों को इससे ज्यादा जोखिम है।

10 क्षेत्रों में काम करने वाले • लोगों को सामने नौकरी की चुनौती सबसे ज्यादा फैसलों के शोध के लिए भी हो सकता है

टेलीमार्केटिंग क्षेत्र के लोगों के लिए भी चुनौती

• टीम ने अध्ययन के बाद पाया कि एआई की मदद से कई ऐसे काम भी किए जा सकते हैं, जिनको करना इंसानों के बस की बात नहीं है। कई काम ऐसे हैं, जिनको एआई के जरिये इंसानों से बेहतर तरीके से किया जा सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, एआई के कारण नौकरी छिनने का सबसे ज्यादा खतरा अध्यापकों और टेलीमार्केटिंग से जुड़े लोगों को है। इससे आने वाले वर्षों में बड़ी आबादी के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो सकता है।

इन क्षेत्रों की नौकरियों पर भी पड़ेगा असर

न्यायलय में कई जगह हो सकता है इस्तेमाल

एआई के बहुत ज्यादा इस्तेमाल से न्यायपालिका से जुड़े को भी नौकरी जाने का जोखिम है। वहीं, जेनेटिक काउंसलर, फाइनेंशियल एग्जामिनर व कंसल्टेंट्स, बजट एनालिस्ट, अकाउंटेंट, ऑडिटर्स मैनेजमेंट एनालिस्ट को भी खतरा पैदा हो जाएगा। क्लीनिकल काउंसलर और परजेंसिंग एजेंट को भी एआई के ज्यादा इस्तेमाल से अपनी नौकरी गंवानी पड़ सकती है।

अध्ययन में शामिल रहे टोरंटो यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर केविन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित एक उद्यमिता कार्यक्रम चलाते हैं। उनके मुताबिक, एआई न्यायाधीशों की जगह तो नहीं ले सकती, लेकिन कोर्ट में इसका कई जगह अच्छा इस्तेमाल हो सकता है। इसे किसी भी किताब के कानून बताने और पुराने फैसलों के शोध के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

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