गगनयान हिंदुस्तानी मिशन एक इंटरव्यू में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वैसे तो भारतीय मूल के व्यक्गित रूप में राकेश शर्मा इससे पहले स्पेस जा चुके हैं, लेकिन वह मिशन सोवियत रूस का था, जबकि गगनयान मिशन हिन्दुस्तानी होगा और इसे बनाने वाले भी हिन्दुस्तानी होंगे. उन्होंने कहा कि गगनयान प्रोग्राम के तहत इसे आजादी के 75वें वर्ष में भेजने की कल्पना की गई थी, लेकिन कोविड में काफी कुछ अस्त-व्यस्त हो • गया. कई कार्यक्रम 2-3 साल पीछे चले गए. हमारे अंतरिक्ष विज्ञानियों का रूस में प्रशिक्षण चल रहा था, उसे भी बीच में रोकना पड़ा था. कोविड कम होने के बाद इन्हें फिर से ट्रेनिंग पूरी करने के लिए रूस भेजा गया.
सूर्य पर भी जल्द भेजा जाएगा मिशन आदित्य एल-1 केंद्रीय मंत्री ने बताया कि गगनयान मिशन आत्मनिर्भर भारत का श्रेष्ठ उदाहरण होगा. यह भारत की अंतरिक्ष यात्रा के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा. सूर्य के अध्ययन वाले मिशन आदित्य एल 1 के बारे में जितेन्द्र सिंह ने कहा कि इसकी तैयारी तेजी से चल रही है.
मिशन
3 दिन का मिशन 10 हजार करोड़ लागत भारत का पहला स्वदेशी मिशन, जिसमें एस्ट्रोनॉट स्पेस में जाएंगे गगनयान 300-400 किमी ऊपर धरती के निचले ऑर्बिट में जाएगा